मुहावरे और उनका अर्थ
“ जब कोई पद-समूह (जो वाक्य नहीं है) वाक्य में इस प्रकार प्रयुक्त हो कि अपने वाच्यार्थ को छोडकर कोई विलक्षण अर्थ प्रकट करे तब ऐसे प्रयोग को और इस प्रकार प्रयुक्त पद-समूह को ‘मुहावरा’ कहते हैं ।”
जो वाक्यांश सामान्य अर्थ का बोध न कराकर विशिष्ट अर्थ का बोध कराते हैं , उनको मुहावरा कहते हैं ।
मुहावरा ,सदैव लक्षणा शक्ति से अपने अर्थ को अभिव्यक्त करता है । इसके प्रयोग से भाषा सबल,सहज,सटिक और प्रवाहपूर्ण हो जाती है । इतना ही नही, इसके प्रयोग से शैली भी चमत्कारपूर्ण हो जाती है ।
मुहावरों में थोड़ेसे शब्दों में बहुत अधिक भाव गुंफित रहते हैं अतः , इनसे भाषा जीवंत और रोचक हो जाती है । तो चलिए शुरू करते है - मुहावरे और उनका अर्थ ।
अंक भरना - लिपटा लेना ।
अंक लगाना - गले लगाना ।
अंकित करना - अच्छी तरह बैठ जाना।
अंकुश रखना - नियंत्रण में रखना।
अंग भरना - जवानी के सारे लक्षण दिखना ।
अंग टूटना /अंग अंग टूटना - दर्द होना ।
अंगार उगलना - कड़वी बातें कहना ।
अंगार बनना - कृद्ध होना ।
अंगार बरसना - चिलचिलाती धूप होना ।
अंगुली काटना - पछताना /चमत्कृत होना ।
अंगुठा दिखाना - खुशामद करना ।
घी के दिये जलाना – बहुत खुशी मनाना ।
घुटने टेकना – हार स्वीकार करना ।
घर का उजाला – सम्मान बढ़ाने वाला ।
घोड़े बेचकर सोना – चैन की नींद सोना ।
चल बसना – मर जाना ।
चादर के बाहर पैर पसारना – आय से अधिक खर्च करना ।
चाँदी होना – लाभ होना ।
चंगुल में फंसना – किसी की बातों में आ जाना।
छक्के छुड़ाना – बुरी तरह हराना ।
छू-मंतर होना – गायब होना।
चार चाँद लगाना – प्रतिष्ठा बढ़ाना
।
चेहरे पर हवाइयाँ उड़ना – घबरा जाना ।
चुल्लू भर पानी में डूब मरना- शर्मिंन्दा होना ।
चिकना घड़ा – कुछ भी असर न होना ।
चार सौ बीस – धोखेबाज ।
छटी का दूध याद आना – बहुत कष्ट होना।
छप्पर फाड़कर देना – बिना मेहनत खूब धन प्राप्त होना ।
छाती पर साँप लोटना – ईर्ष्या से जलना।
छोटा मुँह बड़ी बात करना – शेखी बघारना ।
जान पर खेलना – प्राणों की परवाह न करके काम करना ।
जान के लाले पड़ना – घोर विपत्ति में फँसना ।
जूती चाटना – खुशामद करना ।
जहर उगलना – खरी खोटी सुनाना ।
टस से मस न होना – अपनी बात पर दृढ़ रहना ।
टाँग अड़ाना – दखल देना ।
टेढ़ी खीर होना – बहुत कठिन काम ।
टपक पड़ना – अचानक आ जाना ।
टाल मटोल करना – बहाने बनाना ।
टका सा जवाब देना – साफ़ इन्कार कर देना ।
टूट पड़ना – धावा बोलना / हमला बोलना ।
ठंडा होना – मर जाना।
ठिकाने लगाना – मार डालना ।
ठोकरें खाना – दुख उठाना ।
डंका बजाना – धूम मचाना ।
डूब मरना – अधिक लज्जित होना।
तेली का बैल होना – बहुत काम करना ।
तारे गिनना – व्यग्रता में प्रतीक्षा करना ।
तेवर बदलना – क्रुद्ध होना ।
तितर-बितर होना – बिखर कर बँट जाना।
तलवे चाटना – खुशामद करना ।
दाँत काटी रोटी होना – गहरा सम्बध होना।
दाँत खट्टे करना – हराना ।
दाल में काला होना – कुछ भेद/ रहस्य की बात होना।
दायाँ हाथ होना – बड़ा सहायक होना ।
दुम दबाकर भागना – चुपचाप खिसक जाना।
दो नावों पर पैर रखना – दो पक्षों का होना।
दिन फिरना – स्थिती में परिवर्तन आना।
दिन दूना रात चौगुना – तेजी से बढ़ना ।
नमक मिर्च लगाना – बढ़ा चढ़ा कर कहना।
नाकों चने चबना
- बहुत परेशान होना।
नाक में दम करना – बहुत परेशान करना।
नाक कटना – बेइज्जत होना।
नाक फूलना – नाराज़ होना।
नाक रगड़ना – माफी माँगना ।
नौ दो ग्यारह होना – भाग जाना।
पैरों तले ज़मीन खिसकना – घबरा जाना ।
प्राणों की बाज़ी लगाना – जान कुर्बान करना ।
फूँक फूँक कर कदम रखना – बहुत सोच समझकर काम करना।
फूला न समाना – बहुत प्रसन्न होना ।
फूटी आँख न सुहाना – ज़रा भी अच्छा न लगना।
नानी याद आना – बहुत घबरा जाना ।
पेट में चूहे दौड़ना – बहुत भूख लगना ।
पानी-पानी होना – लज्जित होना ।
पट्टी पढ़ाना – चालाकी सिखाना ।
पसीना-पसीना होना – बहुत घबरा जाना।
बहती गंगा में हाथ धोना – मौके का लाभ उठाना ।
बाग- बाग होना – बहुत प्रसन्न होना।
बाँह पकड़ना – सहारा देना ।
बुद्धि घास चरने जाना – दिमाग काम न करना।
बुद्धि भ्रष्ट होना – दिमाग से काम न लेना ।
बगुला भगत होना – कपटी होना ।
बात का धनी – वचन का पक्का ।
बोलबाला होना – धूम होना ।
भीगी बिल्ली बनना – डर जाना।
माथा ठनकना – अनिष्ट का संदेह होना ।
माथे पर बल पड़ना – तनावग्रस्त होना ।
मुँह की खाना – बुरी तरह हारना ।
मुँह में पानी आना – लालच पैदा होना ।
मुँह ताकना – दूसरों पर निर्भर होना ।
मुँह छिपाना – लज्जित होना।
मन में लड्डू फोड़ना – कल्पना में सुख का आनन्द लेना ।
मिट्टी का माधो – महामूर्ख होना ।
मीठी छुरी होना – मीठी-मिठी बातें करकें हानि पहुँचाना ।
मारा-मारा फिरना – व्यर्थ घूमना ।
मक्खियाँ मारना – खाली रहकर समय बिताना ।
मन मोह लेना – आकर्षित करना ।
रंग में भंग होना – आनन्द में विघ्न पड़ जाना ।
रफूचक्कर होना – भाग जाना।
रोड़ा अटकाना – रुकावट डालना ।
रंग चढ़ना – प्रभाव पड़ना ।
रंग लाना – असर दिखाना ।
राई का पर्वत करना – छोटी सी बात को बहुत बढ़ाना ।
लाल-पीला होना – क्रोधित होना ।
लोहा लेना – मुकाबला करना ।
लोहा मानना – दूसरे की शक्ति स्वीकार करना।
लुटिया डुबोना – सारा काम बिगाड़ देना।
लकीर का फकीर होना – पुरानी रीति का गुलाम होना ।
विष उगलना – कठोर और निंदा भरे वचन कहना ।
श्री गणेश करना – शुरू करना।
सिर उठाना – विद्रोह करना।
सिर-आँखो पर बिठाना – बहुत आदर करना।
सिर पर खून सँवार होना – मरने-मारने पर उतर आना ।
सिर मुँड़ाते ही ओले पड़ना – कार्य आरम्भ करते ही हानि होना।
हाथ मलना – पछताना ।
हाथ पाँव फूलना – डर के मारे घबरा जाना ।
हाथ पैर मारना – बहुत प्रयत्न करना ।
हाथोंहाथ – बहुत जल्दी ।
हाथ बँटाना – सहायता करना ।
हाथ को हाथ न सूझना – कुछ दिखाई न देना ।
हाथ धोकर पीछे पड़ना – बुरी तरह पीछे पड़ना ।
हाथ फैलाना – माँगना ।
हथियार डालना – हार मान लेना ।
हवा बदलना – समय,भाग्य या परिस्थिति में अंतर आना।
हवा लगना – असर होना।
हवा हो जाना – भाग जाना / गायब हो जाना।
अपना उल्लू सीधा करना – स्वार्थ सिद्ध करना ।
आँसू पीकर रह जाना – चुपचाप दुःख सहना ।
कलेजा ठंण्डा होना – संतोष होना ।
अन्धे की लकड़ी- एक मात्र सहारा ।
आसमान पर चढ़ाना – अधिक प्रशंसा करना।
आठ-आठ आँसू रोना – पछतावा या अधिक रोना ।
आस्तीन का साँप – कपटी मित्र ।
ईंट से ईंट बजाना – बरबाद कर देना ।
उन्नीस-बीस होना – थोड़ा बहुत अन्तर होना ।
कोख का हीरा – सुपुत्र ।
गूलर का फूल होना – दिखाई न देना ।
आँखे चार होना – प्रेम करने लगना ।
खून पसीना एक करना – कठोर परिश्रम करना ।
हाथ साफ करना – वस्तू चुरा लेना ।
भारी पड़ना – श्रेष्ठ सिद्ध होना ।
हाथ-पैर फूल जाना – डर से घबरा जाना ।
सिर गंजा करना – बुरी तरह पिटना ।
अपना सा मुँह लेकर रह जाना – लज्जित होना ।
अपने पाँव पर आप कुल्हाडी मारना – अपनी हानि स्वयं करना ।
अंग-अंग खिल जाना – बहुत खुश होना।
बातें बनाना – गप्पे हाँकना ।
नौ-दो ग्यारह होना – भाग जाना ।
पाला पड़ना – वास्ता पड़ना ।
दाँत खट्टे करना – बुरी तरह हरा देना ।
हाथ-पैर मारना – कोशिश करना ।
आँखो में खटकना – बुरा लगना ।
आँखो का काँटा – खटकने वाला (अप्रिय ) व्यक्ति ।
आँखो से गिरना – मान कम हो जाना ।
आँख उठाकर न देखना – अधिक क्रोधित होना
।
अँगुली उठाना – दोष लगाना ।
अंग छूना – शपथ लेना ।
अंगारे उगलना – कठोर वचन कहना ।
आँखे खुलना – होश में आना ।
आँखे बिछाना – स्वागत करना ।
आँखे दिखाना – क्रोध से देखना ।
अंग-अंग ढीला होना – बहुत थक जाना।
अक्ल के दुश्मन – मूर्ख ।
आग बबूला होना – बहुत क्रुद्ध होना ।
आँख का तारा होना – बहुत प्यारा ।
आँख लगना - नींद आना ।
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