Thursday, September 26, 2024

डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम हिन्दी भाषण

 




डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम


    डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम भारत के महान वैज्ञानिक, अभियंता और 11 वे राष्ट्रपति थे। उन्हें 'भारत के मिसाइल मैन' के रूप में जाना जाता है। उन्होंने सिखाया जीवन में चाहें जैसे भी परिस्थिति क्यों न हो पर जब आप अपने सपने को पूरा करने की ठान लेते हैं तो उन्हें पूरा करके ही रहते हैं। उनके विचार आज भी युवा पीढ़ी को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं। उनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था। उनका पूरा नाम डॉ. अवुल पकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम था। इनके पिता का नाम जैनुलाब्दीन और माता का नाम असीम्मा था। इनके पिता जैनुलाब्दीन न तो ज़्यादा पढ़े-लिखे थे, न ही पैसे वाले थे।

  इनके पिता मछुआरों को नाव किराये पर दिया करते थे और इनकी माता एक गृहिणी थी। पाँच भाई एवं पाँच बहन थे और घर में तीन परिवार रहा करते थे। अब्दुल कलाम के जीवन पर इनके पिता का बहुत प्रभाव रहा। वे भले ही पढ़े-लिखे नहीं थे, लेकिन उनकी लगन और उनके दिए संस्कार अब्दुल कलाम के बहुत काम आए। पाँच वर्ष की अवस्था में रामेश्वरम की पंचायत के प्राथमिक विद्यालय में उनका दीक्षा-संस्कार हुआ था। पांचवी कक्षा में पढ़ते समय उनके अध्यापक उन्हें पक्षी के उड़ने के तरीके की जानकारी दे रहे थे, इन्ही पक्षियों को देखकर कलाम ने तय कर लिया कि उनको भविष्य में विमान विज्ञान में ही जाना |

अब्दुल कलाम ने अपनी आरंभिक शिक्षा जारी रखने के लिए अखबार वितरित करने का कार्य भी किया था। कलाम ने 1950 में मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलजी से अंतरिक्ष विज्ञान में स्नातक की उपाधि प्राप्त की है। स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद कलाम जी रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन में एक वैज्ञानिक के रूप में शामिल हुए। कलाम ने मिशन के तहत 'अग्नि' और 'पृथ्वी' सहित कई सफल मिसाइलों को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 1990 के दशक में मीडिया कवरेज ने उन्हें भारत का सबसे प्रसिद्ध परमाणु वैज्ञानिक बना दिया, जिसने उन्हें “मिसाइल मैन” का नाम दिया। डॉ अब्दुल कलाम ने 25 जुलाई 2002 से 25 जुलाई 2007 तक भारत के राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया।

अपने पांच साल के कार्यकाल के दौरान, वह भारत को एक विकसित राष्ट्र में बदलने के अपने दृष्टिकोण के लिए प्रतिबद्ध रहे। उनके महान कार्य के लिए उन्हें भारत रत्न, पदम भूषण, पदम विभूषण आदि पुरस्कार से सम्मानित किया गया। डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जी ने 27 जुलाई 2015 को अपने जीवन की अंतिम सांस ली। ऐसे महान स्वतंत्रता सेनानी को मेरा कोटि कोटि नमन.....

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