Sunday, November 17, 2024

5th Standard Scholarship Exam Online Test - 06

5th Standard Scholarship  Exam Online Test - 06



Subject - English 

Questions - 15

Marks - 30

Important Questions on the 

Topic - Opposite Words 


Sunday, November 10, 2024

5th Standard Scholarship Exam Online Test - 05



5th Standard Scholarship  Exam Online Test - 05

Subject - English 

Questions - 10

Marks - 20

Important Questions



 

Tuesday, October 29, 2024

10 lines short hindi essays on the topics in daily life

भूकंप 

भूकंप याने धरती कंप होना , धरती थरथरना आपके पाँवो के निचे धरती हिलना , या फिसल जाने जैसा लगना, उसी से गिर जाना , इमारतों का अचानक गिरना ।इसलिए आदमी घबरा जाता हैं ।

भूकंप अचानक होने के कारन भूकंप के समय आप आपने काम में , या घर में , या नींद में रहते हो। भूकंप का दोष किसी को भी नहीं दिया जा सकता और उसका अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता। 

महाराष्ट्र और देश के भूकंप शास्त्रीय दृष्टि से समतोल  सखोल सर्वेक्षण करके जिलेवाइज नक्षा प्रसिद्द करके और उनकी जानकारी शिक्षण में समाविष्ट करने से व्यवहार से  उपयोगी होगी। विद्यार्थियों को इसका प्रशिक्षण देकर भावी संकट के दृष्टिसे अत्यावश्यक होगा। 

सायकिल 

सायकिल पर सवार होकर घुमने में मुझे  बहुत आनंद होता है । मैं  अच्छी  तरह से सायकिल चलाता हूँ । परन्तु भिड में अत्यन्त धीरे सायकिल चलाता हूँ ।

    आज के गतिमान युग में सायकिल मनुष्य की साथी है। कोई भी दूर दराज का काम थोड़े ही समय में पूरे किये जाते है। 

छोटे उद्योग धंदे करनेवालों को सायकिल बहुत उपयोगी पड़ती हैं। बहुत से प्रवासी लम्बा सफर सायकिल पर ही करते हैं।

सायकिल हर रोज साफ करनी चाहिए। उसकी निगा रखनी चाहिए ।सभी को सायकिल दुरुस्त करना आना चाहिए ।सायकिल वाहतुक के नियम पालकर चलाना चाहिए ।सभी लडके - लडकियों को सायकिल चलाना सिखना चाहिए। सायकिल से शरीर का व्यायाम होता है। 

सायकिल गरीबों का वाहन हैं ।


घड़ी 

  आज का सारा युग घड़ी से चल रहा है। सभी कामों का समय निश्चित होता है । समय से ही समय पर काम करना निसर्ग का नियम है। इसलिए मानव जीवन में घड़ी का महत्व दिया है ।


घड़ियाँ अनेक प्रकार की और आकार की होती है। दीवार पर टँगनेवाले , मनोरे पर लगा देने की , हाथ में बांधने की, जेब में रखनेवाली , मेज पर रखनेवाली आदि। घड़ी समय दिखाती है, फिर वह गजर करने से नींद से जगाती है। जग में अनेक नमूने की घड़ियाँ हैं ।

आदमी घड़ी को देखकर चलता है ।पहला काम समय पर नहीं हुआ तो आगे के सभी कामों में बाधा आती है। सब कामकाज समय पर होना चाहिए ।घड़ी ये भूषण ही नहीं तो उपयोगी चीज भी हैं । इसलिए  सभी को घड़ी की आवश्यकता होती है ।

सभी ने घड़ी के साथ चलना चाहिए ।



Monday, October 28, 2024

ब से शुरू होनेवाले हिंदी मुहावरे और उनका अर्थ




ब से शुरू होनेवाले हिंदी  मुहावरे और उनका अर्थ 

बन्दर घुड़की देना - केवल डराने के लिए धमकी 

बखिया उधेडना - भेड़ खोलना / बहुत पिटाई करना 

बगुला भगत होना - ढोंगी होना / धोकेबाज होना 

बगलें झाँकना - जवाब ने देना 

बचन निभाना - जो कहना वह करना 

बट्टा लगाना - कलंकित होना 

बत्तीसी झड़ना - दॉंत गिरना 

बत्तीसी दिखना - बेहयायी की हँसी 

बहती गंगा में हाथ धोना - जहाँ सभी फायदे उठा रहे है वहाँ फायदा उठाना 

बाँसो उछलना - खूब खुश होना 

बाग -बाग़ होना - खुश होना 

बाँछे खिलना - खुश होना 

बाज आना - छोड़ना 

बाट - जोहना - प्रतीक्षा करना 

बात उड़ना - अफवाह फैलना 

बात काटना - अवज्ञा करना 

बात का बतंगड़ करना - छोटी बात को बड़ा-चढ़ा देना 

बात गाँठ में बाँधना - बात न भूलना 

बात बढ़ना - झगडा होना 

बायें होना  - प्रतिकूल होना 

बाल की खाल खींचना - नुक्ता-चीनी करना 

बाल बाँका न होना - कुछ न बिघड़ना 

बाल-बाल बचना - साफ़ -साफ़ निकल जाना 

बालू की भीत होना - क्षणभंगुर होना 

बावन तोले पाव रत्ती - बिलकुल ठीक 

बावन वीर होना - बहुत चालाक होना 

बीड़ा उठाना - संकल्प करना 

बेडा पार होना - छुटकारा मिलना 

बे पेंदी का लोटा होना - ढुलमुल आदमी 

बेवक्त की शहनाई बजाना - बिना अवसर बात कहना 

बेसिर पैर की बात कहना - केवल गप्प 

बोझ उतरना - कठिन काम से मुक्ति 

बोझ उतारना - चिन्ता दूर करना 

बोलबाला होना - चलती होना 

ब्रह्मा  का अक्षर होना - अटल होना 



Sunday, October 27, 2024

मेरा प्रिय त्यौहार – दिवाली हिन्दी और अंग्रेजी निबंध

 


मेरा प्रिय त्यौहार – दिवाली ( हिंदी )

दिवाली एक खूबसूरत त्योहार है। यह भारत में आयोजित होने वाले सबसे बड़े और सबसे प्रतिष्ठित त्योहारों में से एक है। दिवाली खुशी, जीत और एकता का जश्न मनाता है। दीपावली, या दिवाली, एक हिंदू त्योहार है और अक्टूबर या नवंबर में होता है। यह भारत और दुनिया के अन्य देशों में भी राष्ट्रीय अवकाश के रूप में व्यापक रूप से मनाया जाता है।

ऐसा माना जाता है कि यह रावण पर भगवान राम की जीत और 14 साल के वनवास के बाद घर लौटने की याद दिलाता है। वास्तव में, यह घटना बुराई की शक्तियों पर अच्छाई की विजय की शक्तियों का प्रतिनिधित्व है

दिवाली के दिन लोग देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की भी पूजा करते हैं। विघ्नों के नाश करने वाले भगवान गणेश अपने ज्ञान और तेज के लिए पूजनीय हैं। दिवाली के मौके पर धन और समृद्धि के लिए भी देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है। व्यापारी इस ‘नव वर्ष’ को नई खाता बही खोलकर मनाते हैं

बावजूद कि यह एक हिंदू त्योहार है, सभी धर्मों के लोग पटाखों और आतिशबाजी के साथ रंगारंग कार्यक्रम का आनंद लेने के लिए एक साथ आते हैं। लोग मिट्टी के तेल के दीपक जलाते हैं और अपने घरों को सभी रंगों और आकारों की रोशनी से सजाते हैं जो उनके सामने के दरवाजों और बाड़ों पर चमकते हैं, एक मनोरम दृश्य बनाते हैं। फुलझड़ियाँ, रॉकेट, फूलदान, फव्वारे, आतिशबाजी बच्चों के बीच लोकप्रिय हैं। बच्चे और किशोर अपने सबसे आकर्षक और सबसे सुंदर पोशाक में तैयार होते हैं।

हम सभी उत्साह के बीच यह भूल जाते हैं कि पटाखे फोड़ने से ध्वनि और प्रदूषण होता है। यह बच्चों के लिए बेहद हानिकारक है और इसके परिणामस्वरूप भयावह जलन हो सकती है। पटाखे फोड़ने से कई क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता सूचकांक और दृश्यता कम हो जाती है, जो घटना के बाद होने वाली कई दुर्घटनाओं में योगदान देता है। नतीजतन, एक सुरक्षित और पर्यावरणीय रूप से जिम्मेदार दिवाली होना महत्वपूर्ण है।

दिवाली को “रोशनी का त्योहार” के रूप में जाना जाता है और वास्तव में इस दिन पूरा ग्रह चमकता है।

 

10 line essay on Diwali in Hindi

1.  दीपावली (दीवाली के रूप में भी जाना जाता है) एक भारतीय त्योहार है जो हजारों साल पहले राक्षसों की हत्या का जश्न मनाता है।

2.  उत्तर भारत में वनवास से भगवान राम की वापसी के हिस्से के रूप में दिवाली मनाई जाती है

3.  दक्षिण भारत में, दिवाली भगवान कृष्ण द्वारा नरकासुर की मृत्यु का जश्न मनाती है

4.  दीवाली देश भर में विभिन्न समुदायों द्वारा अलग-अलग तरीकों से मनाई जाती है।

5.  दिवाली का उत्सव बुराई पर जीत और प्रकाश पर जीत परयाह  आधारित है।

6.  धनतेरस भारत में चार दिवसीय दिवाली समारोह की शुरुआत का प्रतीक है।

7.  हिंदू परिवार दंतेरा पर सोना खरीदते हैं, हिंदुओं के लिए शुभ दिन क्योंकि उनका मानना ​​है कि देवी लक्ष्मी उनके घर आ रही हैं और उनके जीवन को बदल देंगी।

8.  देवी लक्ष्मी, जिन्हें हिंदू धर्म में देवी धन और समृद्धि के रूप में भी जाना जाता है, को देवी लक्ष्मी के रूप में पूजा जाता है।

9.  दिवाली एक ऐसा उत्सव है जिसमें हमारे घरों को सजाना, बत्ती जलाना और मिठाइयाँ शामिल हैं।

1           दिवाली, जो सभी लोगों के बीच सद्भाव को बढ़ावा देती है, न केवल हिंदुओं द्वारा, बल्कि देश में मुसलमानों और सिखों द्वारा भी मनाई जाती है।



Essay on Diwali ( In english )

What pops into your mind when you hear about crackers, lights, colours, sweets and dishes altogether? It’s obvious that it is an occasion of celebration or is either a festival! But what festival has both the concept of colours and lights? It is of course Diwali !

Colours make up the ‘Rangoli’ and Indian Diya or lights are the reasons why Diwali is celebrated all bright and beautiful. Hmm… but do you know what a rangoli or an Indian Diya is?

Rangoli is a pattern or design made with vibrant colours or bright and colourful flowers, to decorate the houses and are made on the floor. Whereas, Diyas are earthen lamps. The combination of the duo, followed by giggles and laughter and some delicious dishes make up the festival of lights, Diwali.

Now, this article covers different kinds of essays on Diwali! Yes, we at Adda247 know how to make your Diwali more joyous; by sharing the burden of your work. Though writing essays by yourself will be more fun, but taking help from us won’t harm you, right? Here, in this article, not only you will learn different essays but also get to know about how and why is Diwali celebrated.

Get ready and explore this article of essays and standout in your essay competition!

 


An essay on Diwali in English

An essay on Diwali in English is written here for kids.

 

Diwali is a beautiful festival. It is one of the largest and most prestigious festivals held mostly in India. Diwali is a Hindu holiday that celebrates joy, victory, and unity. This Hindu festival often takes place in October or November. It is widely observed in India and other countries of the world as a national holiday.

Many lores and legends are related to this celebration. It commemorates Lord Rama’s victory over Ravana and his return home after a 14-year exile. In truth, this event is a representation of the forces of good triumphing over the powers of evil.

On Diwali, people also worship goddess Lakshmi and Lord Ganesha. Lord Ganesha, the Destroyer of Obstacles, is revered for his knowledge and brilliance. On the occasion of Diwali, Goddess Lakshmi is also worshipped for money and prosperity. Merchants celebrate this ‘New Year’ by opening new account books.

In the Diwali Festival, There are frantic events all around the country on Diwali day. People invite their friends and family. Sweets are cooked and distributed among friends and relatives on this day. Everyone is dressed in new clothes. Children and teenagers dress up in their glitziest and most beautiful outfits.

On Diwali, people have a lot of fun and frolic. Despite the fact that it is a Hindu festival, people from all walks of life come together to enjoy the bright event with crackers and fireworks. People light earthen oil lamps and decorate their homes with lights of all colours and sizes that dazzle at their front doors and fences, creating a captivating scene. Sparklers, rockets, flower pots, fountains, fireworks, and other types of fireworks are popular among children. In the dark night, the bright flames of the fireworks make for a beautiful scenario.

We tend to forget, in the midst of all the excitement, that bursting crackers cause noise and pollution. It is extremely harmful to children and can result in catastrophic burns Bursting crackers reduces vision, causes irritation in the eyes and lowers the air quality index, contributing to the numerous mishaps that occur as a result of the event. Moreover, having a safe and environmentally friendly Diwali is crucial.

Diwali is known as the “Festival of Lights” and indeed the entire planet shines brightly on this day.

 

 

Diwali, commonly referred to as Deepavali, is a festival of lights. Diwali is one of the greatest and most spectacular celebrations, primarily observed in India that honours happiness, success, and peace. Here is an Essay on Diwali in English 10 lines for kids given below. Writing an Essay on Diwali is very easy because is observed throughout all of India.

1.   Deepawali (also known as Diwali) is an Indian festival that celebrates the killing of demons thousands of years ago.

2.   North India celebrates Diwali as part of Lord Ram’s return from the Vanvas.

3.   In South India, Diwali celebrates the death of Narakasura By Lord Krishna.

4.   Diwali is celebrated in different ways by different communities across the country.

5.   The celebration of Diwali is based on victory over evil and victory over light.

6.   Dhanteras marks the beginning of the four-day Diwali celebrations in India.

7.   Hindu households buy gold on Danteras , the auspicious day for Hindus because they believe Goddess Lakshmi is coming to their home and will change their lives.

8.   Goddess Lakshmi, also known as Goddess Wealth and Prosperity in Hinduism, is worshipped as Goddess Lakshmi.

9.   Diwali is a celebration that includes decorating our homes, lighting the lights, and sweets.

10.               Diwali, which promotes harmony among all peoples, is not only celebrated by Hindus, but also by Muslims and Sikhs in the country.

 


An essay on Diwali 200 words

An essay on Diwali 200 words is written here for students.

An essay on Diwali

 Diwali is one of the grand festivals in India. In recognition of Lord Rama’s return to Ayodhya after a 14-year exile, Diwali is observed. To celebrate Rama’s victory and to welcome him back, the people of Ayodhya lit diyas. Diwali is observed as a celebration of the victory of good over evil. Dhanteras, Naraka Chaturdashi, Lakshmi Pooja, Govardhan Pooja, and Bhai Dooj are the five days that Diwali is celebrated.

Diwali is recognised as the ‘Festival of colours’.people light earthen oil lamps and decorate their homes with lights of all colours and sizes that sparkle at their front doors and fences. Children love sparklers, rockets, flower pots, fountains, fireworks, and various kinds of fireworks. The flooring of the house is decorated with lovely rangoli patterns that are frequently constructed of flower petals, coloured rice, and sand. Goddess Lakshmi and Lord Ganesh are worshipped. People invite their relatives and close friends. On this day, desserts are prepared and shared with friends and family. Everyone is wearing brand-new attire. Young people dress up in their prettiest and most glamorous attire.

On the day of Diwali, people used to burst crackers, but in the midst of the excitement, we must protect the environment. Cracker blasts produce noise and pollution. It can cause catastrophic burns in children and is exceedingly dangerous. Bursting crackers impairs vision, irritate the eyes, and decrease the air quality index, all of which contribute to the frequent accidents that happen from the activity. A safe and environmentally friendly Diwali is also essential.





Saturday, October 26, 2024

5th Standard Scholarship Exam Online Test No. 04




5th Standard Scholarship  Exam Online Test - 04 

Subject - English 

Questions - 15

Marks - 30

Important Questions

 

स से शुरू होनेवाले हिंदी मुहावरे और उनका अर्थ



स से शुरू होनेवाले हिंदी मुहावरे और उनका अर्थ

 

संकल्प -विकल्प में पड़ना - दुविधा में पड़ना 

संसार से दाना-पानी उठना - मर जाना 

संसारी होना - गृहस्थ होना 

सत्तू बांधकर पीछे पड़ना - बुरी तरह पीछे पड़ना 

सत्यानाश करना - बर्बाद करना 

सनक सवार होना - धुन होना 

सनीचर आना - बुरे दिन आना 

सन्न रह जाना - चकित रह जाना 

सपना होना - देखने से भी दूर होना 

सफाई देना - स्वयं को निर्दोष सिद्ध करना 

सफाया करना - नाश करना 

सज्बबाग़ दिखाना - झूठी दिलासा 

समाँ बाँधना - कला का सुन्दर प्रदर्शन 

सर आँखों पर होना - स्वीकार होना 

सर पर सवार होना - निकट रहना 

साँठ -गाँठ करना - दोस्ती करना 

साँप के मुँह में पड़ना - आफत में पड़ना 

साँप को दूध पिलाना - शत्रु पालना 

साँप-छुछुंदर की दशा होना- दुविधा में पड़ना 

साँप सूँघना - निष्क्रिय होना 

साँस तक न लेना - बिलकुल चुपचाप 

सात घाटोंका पानी पीना - बहुत अनुभवी 

सात जन्म में -कभी भी 

सात -पाँच करना - धोखेबाजी करना 

साफ -साफ सुनाना - स्पष्ट कहना 

सामना करना - मुकाबला करना 

साये में रहना - आश्रम में रहना 

सिंह का बच्चा होना - बड़ा बहादुर होना 

सिक्का जमना - धाक होना 

सिट्टी-पिट्टी गुम होना - होश-हवास न रहना

सितम ढाना - जुल्म करना 

सितारा चमकना / बुलंद होना  - भाग्योदय होना 

सियार होना - डरपोक होना 

सिर -आँखों पर बिठाना - बड़ा आदर-सत्कार करना 

सिर उठाना - विरोध करना 

सिर के बल चलना - इज्जत करना 

सिर खपाना - काफी चिंतन-मनन करना 

सिर खाना - परेशान करना 

सिर खुजलाना - पिटाई खाने की इच्छा होना 

सिर गंजा करना - बहुत मारना 

सिर चढ़कर बोलना - स्वयं प्रकट होना 

सिर चढ़ना - मुँह लगना 

सिर चढ़ना - शरारती बनाना 

सिर झुकना - हार मानना 

सिर पटक के मरना - बहुत कोशीश करना 

सिर पर कोई न होना - रक्षक न होना 

सिर पर खून सवार होना - प्राण लेने को उतारू होना 

सिर पर खेलना - प्राण का खतरा मोल लेना 

सिर पर सेहरा बँधना - प्रशंसित होना 

सिर पर हाथ रखना - सहायता करना 

सिर पिट लेना  - भाग्य को रोना 

सिर फिरना - बुद्धि भ्रष्ट होना 

सिर मढ़ना - दोष देना 

सिर मारना - मेहनत करना 

सिर मुढाते ही ओले पड़ना - काम के आरम्भ में ही झंझट 

सिर पर कफन बाँधना - मरने की परवाह न करना 

सिंग निकलना - बदमाश होना 

सीधी उँगली से घी न निकलना - सरलता से काम न बनना 

सीधे मुँह बात न करना - न बोलना 

सीमा से बाहर जाना - मर्यादा से बाहर 

सुनी-अनसुनी कर देना - सुनकर ध्यान न देना 

सुरखाब के पर लगा होना - कोई विशेषता होना 

सूखकर काँटा होना - अत्यंत दुबला होना 

सूरज को दिया दिखाना - प्रसिद्ध व्यक्ति का परिचय देना 

सूरज ढलना - अवनति होना 

सूरत नजर ना आना - कोई उपाय न सूझना 

सेर का सवासेर मिलना - जो जैसा है उसे उससे बढ़कर मिलना 

सैंकड़ों घड़े पानी पड़ना - बहुत लज्जित होना 

सोने की कटारी होना - सुन्दर पर हानिकारक 

सोने की चिड़िया - मालदार 

सोने में सुहागा - किसी सुन्दर वस्तु का और निखरना 

सौ कोस दूर भागना - किसी तरह का संबंध न रखना 

स्वांग भरना - झूठ -मुठ का बहाना बनाना 

स्वाहा करना - नष्ट करना 

  













Friday, October 25, 2024

म से शुरू होनेवाले हिंदी मुहावरे और उनके अर्थ


मंगनी करना - तिलक देना 
मंत्र  देना - सलाह देना 
मंत्र फूँकना - बहकाना 
मख्खन लगाना - चापलूसी करना 
मक्खी की तरह निकालना -  निकाल देना 
मक्खी मारना - बेकार बैठे रहना 
मक्खी निगलना - बेवकूफी करना 
मक्खी नाक पर न बैठने देना - एहसान न रखना 
मजा किरकिरा होना - रंग में भंग 
मजा  चखाना - बदला लेना 
मँझधार में छोड़ना - मुसीबत में छोड़ना 
मटरगस्ती करना - बेकार इधर-उधर करना 
मटिया मेट करना - बर्बाद करना 
मट्टी पलीद करना - दुर्दशा करना '
मत मरी जाना - बुद्धि बिघड़ना 
मतलब का यार - स्वार्थी व्यक्ति 
माथा मारना - बहुत सोचना 
मत्थे मढ़ना - अपना दोष /जिम्मेदारी दूसरे पर 
मन  अटकना - प्रतीक्षा होना 
मन कच्चा करना - सहस नहीं होना 
मन करना - इच्छा होना
मन का मारा - दू: खी 
मन का मैला होना - कपटी होना 
मन की गाँठ खोलना - जी खोलकर बात करना 
मन की मन में रहना - इच्छा पूरी न होना 
मन खट्टा होना - नफ़रत होना 
मन डोलना - लालच होना 
मन भर जाना - उब जाना / संतुष्ट होना 
मन भरी होना - दु: खी होना 
मन मानना -संतोष होना 
मन मारकर बैठना - हताश होकर बैठना 
मन मिलना - विचार मिलना 
मन में जमना -  जँचना 
मन में ठानना - निश्चय करना 
मनसुबा बाँधना - सहस करना / कल्पना करना
मन हरा होना - खुश होना 
मयस्सर होना - प्राप्त होना 
मरने की छुट्टी न मिलना - अत्यधिक व्यस्तता 
मरम्मत करना -  खूब पीटना 
मलाल निकालना - पुराना बैर का बदला लेना 
मांग उजड़ना - विधवा होना 
माई का लाल - बहादुर 
माटी की मूरत - बेवकूफ / सीधा 
मात करना - लज्जित करना 
मात खाना - हारना 
माथा ठनकना - संदेह होना 
माथे चढ़ना - बदमाश होना 
माथे पड़ना - दायित्व आ जाना 
माथे पर बल पड़ना - चिन्ता होना 
मार से भूत भागना - मार का डर सबको होना 
माल काटना - खूब कमाना 
मांस नोचना - परेशान करना 
मिटटी के मोल - बहुत सस्ता 
मिटटी ख़राब करना - बर्बाद / दुर्दशा करना 
मिटटी डालना - दोष छिपाना 
मीठी छुरी होना - कपटी होना 
मीन मेख निकालना - दोष निकालना 
मुँह उतरना - उदास होना 
मुँह कला करना - बदनामी का काम करना 
मुँह की खाना - बुरी तरह से हारना 
मुँह की बात छिनना - इच्छानुकुल  बात किसी के द्वारा करना 
मुँहतोड़ जवाब देना - निरुत्तर कर देना 
मुँह देखकर बात करना - आदमी के अनुसार बर्ताव 
मुँह देखते रह जाना - चकित रह जाना 
मुँह न देखना - घृणा करना 
मुँहपर - सामने 
मुंहपर थुंकना - शर्मिंदा करना 
मुँहमाँगी मिलना - इच्छित वस्तु मिलना 
मुँह में कालिक लगना - कलंकित होना 
मुँह में पानी भर आना - लालच होना 
मुठ्ठी में होना - अधिकार में 
मुठभेड़ होना - संघर्ष होना 
मुफ्त की रोटियाँ तोडना - बैठकर दुसरे की कमाई खाना 
मूँछ ऐंठना - घमण्ड करना 
मूँछ नीची होना - अपमानित होना 
मूँछोपर ताव देना - वीरता दिखाना 
मेहंदी लगना - बिना कम के बैठे रहना 
मेंढक का जुकाम होना - अयोग्य होनेपर भी किसी चीज की अपेक्षा 
मैदान छोड़कर भागना - लड़ाई से भागना 
मैदान मरना - बाजी जीतना 
मैदान साफ़ होना - निर्विघ्न होना 
मोटाइ चढ़ना - घमण्ड होना 
मोटी अक्ल होना - बुद्धिहीन 
मोर्चाबंदी करना - स्वरक्षा की तय्यारी 
मोर्चा लेना - लड़ाई करना 
मौका पड़ना - समय आना 
मौके को हाथ से जाने देना - अवसर खोना 
मौत सिर पर आना - मरणासन्न होना 
मौत से लड़ना - खतरनाक काम करना 
म्याऊँ -म्याऊँ करना - भय से धीरे बोलना 
म्लेंच्छ होना - गन्दा / कंजुष होना 




Thursday, October 24, 2024

5th Standard Scholarship Online Exam Online Test - 03

5th Standard Scholarship  Exam Online Test - 03 




Subject - English 

Questions - 15

Marks - 30

Important Questions 


Wednesday, October 23, 2024

5th Standard Scholarship Online Exam Online Test on the Topic of Articles


5th Standard Scholarship Online Exam Online Test on the Topic of English Grammar Articles







Important Questions 


हिंदी के 8 छोटे छोटे निबंध




इस पोस्ट में हम देखेंगे निचे दिए गए विषय पर छोटे -छोटे निबंध 

1) मेरी माँ 

2) मेरा मित्र 

3) मेरी पाठशाला 

4) मेरा घर 

5) इंदिरा गांधी 

6) महात्मा गांधी 

7) मेरा प्यारा खेल 

8) फूलों का बगीचा 


 मेरी माँ 

जब किसी ने मुझसे सवाल किया कि आपको माँ पसंद है या पिताजी, तब मैं उनसे बगैर सोचे ऊँचे आवाज में जवाब दूँगा कि , मुझे मेरी माँ ज्यादा पसंद है क्योंकि खून का दूध करके पिलाने वाली माँ मेरी सर्वस्व हैं ।

     मेरी माँ जैसी और कोई नहीं ऐसा मुझे लगता हैं मेरी माँ हर सुबह जल्दी उठती है । सुबह से लेकर शाम तक वो हमेशा घरका काम करती है उन्हें कभी काम  की थकावट नहीं होती समय निकाल कर वह हमें पढ़ाती  है माँ का बोलना हँसना मुझे प्यारा लगता है 

       कभी-कभी हमारी मनपसंद चीजे बनाकर देती है । हम बच्चे अच्छे और अभ्यासू होने के लिए वह हमेशा श्रम करती है । हम जब बीमार हो जाते तो वह सोती भी नहीं 

     हमारा घर माँ की वजह से स्वच्छ और सुंदर  लगता है माँ पास नहीं होती तो मेरा जी नहीं लगता माँ दूर गाँव चली जाने के बाद मुझे उनकी बार-बार याद आती है 


मेरा मित्र 

            मेरा मित्र गणेश मुझे बहुत प्यारा लगता है।  मैं और गणेश पाठशाला एक साथ मिलकर जाते है । पढाई भी हम दोनों मिलकर करते है  हम कभी झगड़े नहीं करते है।  हम हर रोज शाम को खेलते है कभी कभी घुमने के लिए  जाते है । गर्मी की छुट्टियों में हम तैरने को भी जाते है कक्षा में पढाई, खेल इसमे हमारी स्पर्धा होती है खेल में कभी मैं  पहला तो कभी गणेश पहला रहता है 

      छुट्टी के दिन दोनों खेत में जाते है वहाँ भोजन करते है । मेरी और गणेश की दोस्ती के बारे में गुरूजी कुतूहल प्रदर्शित करते है । मेरी माँ तो कहती है कि गणेश जैसा मित्र सभी को मिलना चाहिए 

ऐसा मेरा मित्र है 


मेरी पाठशाला 

मेरी पाठशाला मुझे बहुत प्यारी लगती है गाँव से जरा दूर और ऊँची जगह पर मेरी पाठशाला है । पाठशाला के आसपास ऊँचे और अच्छे पेड़ है।  पाठशाला के नजदिक खेल का मैदान है । हम वहाँ कई प्रकार के खेल खेलते है 

      हमारे शिक्षक अच्छे पढ़ाते  है  पाठशालामें हम मराठी,हिंदी, अंग्रेजी ,विज्ञान ,इतिहास , भूगोल और गणित पढ़ते है । रेडिओ-आकाशवाणी पर लगनेवाली कविताएँ और पाठ हम ध्यान से सुनते है । मेरी पाठशाला में टी.व्ही.भी लगाया है । उसीसे हम बहुत कुछ सीख लेते है । पाठशाला के आगे पीछे अच्छा और सुंदर बगीचा है । बगीचे में अच्छे और शोभादायक फूलों के पौधे लगाये है । हम उन्हें पानी डालते है और उसकी देखभाल और साफ़ सफाई  भी करते है । 

ऐसी मेरी पाठशाला है 


मेरा घर 

यह मेरा घर है । मेरे घर में मैं और मेरी माताजी और पिताजी , मेरी बहन आदि रहते है । घर के तीन कमरे है।  घर को दरवाजे और खिड़कियाँ है।  घर का दरवाजा पूरब को है । मेरे घर में खुली हवा और सूर्यप्रकाश आता है घर के सामने मैंने एक बगीचा बनाया है । उसमे गुलाब, जाई-जुई,.शेवंती, चमेली आदि फुलझाड़ियाँ लगा दी है । निलगिरी, आम, बेर, जामुन केभी पेड़ लगाये है । मेरी माँ दिनभर काम करती  है  मेरी  बहन माँ को काम में हाथ बँटाती है । पिताजी दिनभर खेत में काम करते है।  छुट्टी के दिन  मैं , माँ ,पिताजी को काम करने में मदद करता हूँ 

शाम को हम मिलजुलकर खाना खाते है । माँ , पिताजी और बहन के साथ दिन  ख़ुशी से गुजरता है 

मेरा घर मुझे बहुत प्यारा  लगता है 

मैं कई भी दूर गाँव गया तो मुझे हमेशा घर की याद आती है । इतना मुझे मेरा घर प्यारा है 

इंदिरा गांधी 

इंदिरा गांधी भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री थी । उनका जन्म अलाहाबाद के आनंदभुवन में उनके घर में हुआ । उनका बचपन वही  गुजरा । इंदिराजी के पिता भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की एकलौती लाडली बेटी थी। 

इंदिराजी के दादाजी मोतीलाल नेहरू थे । दादाजी उनको बहुत प्यार करते थे । इंदिराजी को देशभक्त घराने का  बड़ा वारसा मिला था । उनकी पढ़ाई अलाहाबाद ,दिल्ली , पुना और अमेरिका में हुई। उम्र के चौथे साल में ही उनको देश के थोर विद्वान देशभक्तों का सहवास प्राप्त हुआ।  इसी कारण अपने देश को मजबूत और मुत्सद्दी प्रधानमंत्री का लाभ हुआ। उसी समय में ही देश की सभी तरह की प्रगति हुई । जागतिक शांतता के लिए अनेक देशों को उन्होंने संघठित किया।  देश की एकात्मिकता के लिए उन्होंने जान की आहुति दी । इंदिराजी की यादें भारत देश तथा दुनिया कभी नही भूलेंगी ।


महात्मा गांधी 


महात्मा गांधी का नाम मोहनदास करमचंद गांधी था । उनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 में गुजरात के पोरबंदर गाँव में हुआ।  उनके पिताजी राजकोट में दिवान थे।  उनकी माँ ने उन्हें बचपन में 'ही सत्य और अहिंसा'  की शिक्षा दी। 

         रामायण , महाभारत को पढ़ने के लिए उन्होंने कहा था।  विद्यार्थी उम्र में कई बुरे साथियों के साथ गांधीजी ने कुछ गलतियाँ की थी । उन्होंने अपनी गलतियाँ अपने पिताजी के पास जाकर कबूल की और माफ़ी माँगी।  बाद में उनका अच्छा बर्ताव रहा । गांधी इंग्लैंड जाकर बॅरिस्टर हुए । आफ्रिका में वकिली की।  हिन्दू लोगों के प्रश्न उन्होंने प्रस्थापित किए । 'न्याय और स्वातंत्र्यता'  के लिए उन्होंने देश में सत्याग्रह किया और उनकी वजह से 15 अगस्त 1947 को देश स्वतंत्र हुआ। 

गांधीजी ने सत्य ,अहिंसा , सूतकताई ,स्वदेशी की वस्तुओं का स्वीकार इन शिक्षा भारतवासियों को दी। गांधी सभी धर्म का आदर करते थे । उन्होंने हरिजनों के लिए कार्य किया। उनका रहन सहन साधा था । 

      सारा विश्व गांधीजी को महात्मा के रूप में पहचानता है।  वे अपने राष्ट्रपिता थे। उन्हें बापू के नाम से ही याद किया जाता है। 


मेरा प्यारा खेल 

मैं बहुत खेल खेलता हूँ । खो-खो ,लंगड़ी ,कबड्डी ,दौड़ना , तैरना , कभी कभी क्रिकेट भी खेलता हूँ ।  मुझे कबड्डी यह खेल बहुत प्यारा लगता है। खिलाडियों के दो गट होते है । बहुत होशियारी से एक-दुसरे पर चाल करना और गुण मिलाना होता है।  कबड्डी-कबड्डी  कहकर चपल गति से खेलना पड़ता है।  खिलाडी अच्छे रहने के बाद देखने वालों को खेल  का मजा आता है।  दिए  गए समय में अधिक गुण लेने वाला संघ विजयी ठहराया जाता है ।

     कबड्डी खेलने से सारे शरीर का व्यायाम होता है।  शरीर की चपलता, सावधानी और होशियारी आती है।  सभी लडके लड़कियों को ये खेल खेलना चाहिए । 



फूलों का बगीचा 

हमारे घर के आंगन  में मैंने एक फुल बाग बनाया है।  बाग़ में विविध तरह के फुल है।  बाग़ में विविध फुलझाड़ियाँ लगा दी है।  गुलाब , शेवंती,मोगरा,जाई-जुई गेंद , झेनिया , डेलिया अदि फुलझाड़ियाँ है।  कुछ पौधों के पत्ते रंगीन होने से बाग़ की शोभा बढ़ा देते है।  ककड़ी , कद्दू , करेला , पड्वल , घोसले ,तोंडले आदि के भी बेली है । बैंगन ,टमाटर भिन्डी ,मिर्च आदि भी है।  मेथी ,धनिया ,चूका ,शेपू ,पालक , मैंने आलट-पालटकर लगाए है।  हमें फुल-सब्जियाँ खरीदने की जरुरत नहीं होती । बाग़ होने से अनेक पंछी, भ्रमर, तितलियाँ हमारे घर में आते है। बाग़ होने से घर की  शोभा बढ़ जाती है।   मेरा खाली समय बाग़ मेही गुजर जाता है।  बाग़ के फल-फुल देखने में ही मुझे आनंद होता है । 

बाग का काम एक अच्छा और फायदेमंद छंद है। 






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